मैं अपनी सौतेली बहन के लिए एक निषिद्ध इच्छा को रोक रहा हूं। जब हमारे पिता दूर होते हैं, तो वह मुझे चिढ़ाती है, मेरे जुनून को भड़काती है। हम अपनी कल्पनाओं में लिप्त होते हैं, एक-दूसरे के शरीरों को अंतरंग, वर्जित तरीकों से खोजते हैं। हमारी गुप्त, भावुक मुलाकात हर कमरे में खुलती है, हमारी लालसा को तेज करती है।.