एक परिपक्व सज्जन, जो अपनी शादी से असंतुष्ट है, अपनी सौतेली बेटी की ससुराल जाता है। उनकी शुरुआती मुलाकातें मासूम होती हैं, फिर भी उन पर प्रत्याशा का आरोप लगाया जाता है। जैसे ही वह परिपक्व होती है, उनका रिश्ता गहरा होता है, जिससे आनंद का भावुक आदान-प्रदान होता है।.